दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 10वीं क्लास के छात्र ने आत्महत्या कर ली. परिजनों ने प्रिंसिपल और एक टीचर पर छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. मामला आरकेपुरम इलाके का है. जब छात्र के पिता ने पुलिस को पूरी दास्तां सुनाई तो वो फफक-फफक कर रो पड़े. बोले कि अब मेरा धीरज नहीं रहा. प्रिंसिपल ने उसे बहुत प्रताड़ित किया. एडमिट कार्ड देने से भी इनकार कर दिया. इसी वजह से मेरे बेटे ने अपनी जान दे दी.
पिता की मानें तो उनका बेटा धीरज आरकेपुरम स्थित आर्मी स्कूल में 10वीं का छात्र था. उससे कुछ दिन पहले स्कूल की एक कुर्सी टूट गई थी, जिसके लिए धीरज ने उनसे माफी भी मांगी. लेकिन प्रिंसिपल ने उसकी एक न सुनी. उन्होंने धीरज की मां को फोन करके स्कूल बुला लिया. वहां मां के सामने ही धीरज को खरी-खोटी सुनाई. कुर्सी के लिए 10 हजार रुपये का जुर्माना भी मांगा. वो जुर्माना देने के लिए राजी भी हो गईं. लेकिन प्रिंसिपल ने बावजूद इसके धीरज को ए़डमिट कार्ड देने से इनकार कर दिया.
आरोप है कि धीरज के साथ-साथ उसकी मां को भी प्रिंसिपल ने खूब सुनाया. प्रिंसिपल के साथ-साथ एक और टीचर ने भी धीरज को बहुत डांटा. यह सब देख धीरज टूट गया. वह रोते हुए घर आया. यहां उसने किसी से भी बात नहीं की. वह परेशान रहने लगा और उसने 10 फरवरी को जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहां उसका इलाज चला लेकिन डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा पाए. मृतक के पिता ने कहा, ”प्रिंसिपल और टीचर के कारण मेरे बेटे ने अपनी जान दे दी. मैं उनके खिलाफ अब कानूनी लड़ाई लड़ूंगा. उन्हें सजा दिलवाकर अपने बेटे को न्याय दिलवाऊंगा.”
उन्होंने प्रिंसिपल और टीचर के खिलाफ छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. हालांकि, मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस अभी प्रिंसिपल, टीचर और स्कूल के अन्य स्टाफ से बात कर रही है. कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.